Retirement Age Increase 2025: जानिए कैसे 60 से बढ़कर 62 साल तक मिलेगा जॉब का फायदा

Published On: September 17, 2025
Retirement Age Increase 2025

भारत में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र में बदलाव को लेकर हाल ही में चर्चा तेजी से हुई है। इस विषय में कर्मचारियों और आम जनता दोनों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है, क्योंकि इससे कर्मचारियों के रोजगार और पेंशन की सुरक्षा सीधे प्रभावित होती है। सरकार ने अभी तक रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने को लेकर कोई अंतिम फैसला आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया है, परन्तु कई राज्यों ने यह उम्र बढ़ाकर 62 या उससे ऊपर कर दी है।

रिटायरमेंट उम्र बढ़ने का मतलब है कि कर्मचारी अधिक समय तक सेवा में रह सकते हैं और पेंशन के साथ-साथ अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी ज्यादा समय तक पा सकते हैं। साथ ही यह बदलाव देश की बदलती सामाजिक आर्थिक स्थिति और बढ़ती जीवन expectancy को देखते हुए आवश्यक भी माना जा रहा है।

Retirement Age Increase 2025

वर्तमान में, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष है। हालांकि कुछ राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट उम्र को 62 वर्ष तक बढ़ा दिया है। उदाहरण के लिए, केरल ने 60 से 62 वर्ष कर दी है और उत्तर प्रदेश ने भाषा संस्थान के कर्मचारियों की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है।

केंद्र सरकार ने अभी तक 60 वर्ष की निर्धारित रिटायरमेंट उम्र को बरकरार रखा है और कहा है कि फिलहाल कोई योजना नहीं है इसे बढ़ाने की। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने संसद में स्पष्ट किया है कि सरकार के पास सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है और न ही सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पद खत्म करने की नीति है।

यह नियम देश के विभिन्न हिस्सों और विभागों में अलग-अलग लागू होता है क्योंकि राज्यों को अपने कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र तय करने का अधिकार है। इसलिए, केंद्र और राज्य सरकारों के नियमों में भिन्नता देखी जा सकती है।

इस नियम से सरकारी कर्मचारियों को क्या लाभ होगा?

रिटायरमेंट उम्र बढ़ने से कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा में सुधार होगा। वे अधिक वर्षों तक काम करके अपनी पेंशन और अन्य लाभों के लिए अधिक योगदान दे सकते हैं। इससे उनकी पेंशन राशि भी बढ़ेगी क्योंकि पेंशन के लिए अर्जित वेतन और सेवा अवधि जरूरी होती है।

साथ ही, उम्र बढ़ने से कर्मचारियों को रोजगार की चिंता कम होगी और वे लंबे समय तक अपनी नौकरी निभा सकेंगे। इससे उनके परिवार और स्वयं कर्मचारियों के मानसिक और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

हालांकि, यह भी ध्यान देना जरूरी है कि रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का असर नए युवाओं की नौकरी पर भी पड़ेगा क्योंकि खाली होने वाले पद कम होंगे। इस वजह से सरकार और संबंधित विभाग संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं।

सरकारी पेंशन योजना और लाभ

सरकार ने पेंशन से जुड़े नियमों में भी सुधार किए हैं जैसे कि Unified Pension Scheme (UPS)। यह योजना राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत आती है और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित मासिक पेंशन प्रदान करती है।

इस योजना के तहत, कर्मचारी और सरकार द्वारा भुगतान की गई राशि निवेशित होती है और रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को नियमित मासिक पेंशन मिलती है। UPS के फायदे में यह है कि पेंशन की राशि सेवा के दौरान मिले वेतन के आधार पर तय होती है और यह सेवा के वर्षों पर निर्भर करती है। इसे 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है।

अतिरिक्त पेंशन लाभ भी 80 वर्ष की उम्र से मिलने शुरू होते हैं, जिसमें बढ़ती उम्र के साथ सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देखभाल का ध्यान रखा जाता है।

रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने पर राज्य सरकारों का रुख

कुछ राज्यों ने कर्मचारियों के हित में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के फैसले लिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भाषा संस्थान के कर्मचारियों की उम्र 58 से 60 वर्ष कर दी है ताकि उन्हें समानता और बेहतर सुविधा मिल सके।

इसी तरह, अन्य राज्यों ने भी अपने कर्मचारियों की सेवा अवधि बढ़ाकर बेहतर आर्थिक लाभ सुनिश्चित किया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा के साथ-साथ अनुभव का लाभ सरकारी कामकाज में बनाए रखना है।

निष्कर्ष

सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का विचार उनकी आर्थिक सुरक्षा और जीवन प्रत्याशा को ध्यान में रखकर उभरा है। फिलहाल केंद्र सरकार ने 60 वर्ष की उम्र को ही मान्यता दी है, जबकि कई राज्य अपनी जरूरत के अनुसार इसे बढ़ा चुके हैं। पेंशन योजनाओं के सुधार से कर्मचारियों को और बेहतर लाभ मिलेगा।

यह नियम कर्मचारियों को लंबे समय तक काम करने और बेहतर वित्तीय स्थिरता पाने का मौका देता है, जो उनके जीवन में खुशी और संतोष लाएगा।

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